शनिवार, 26 सितंबर 2015

व्यक्ति या विचार

व्यक्ति या विचार



ये जो

मानव का जन्म है

ये

मानव द्वारा

पृथ्वी पर देखा गया

सबसे सुन्दर स्वप्न है


जब

जन्म देते हैं

पुरूष और स्त्री

शिशु को

वे केवल

एक दूसरे को

भोगते नहीं हैं

ना ही वासना  को

बल्कि

बुनते हैं

एक विचार

वीर्य और रक्त से

यही विचार

निराकार

अपनी

सार्थक परिणति के लिए

देह के रूप में

पाता है आकार

जब तक है

विचार

तब तक है

व्यक्ति

जिस दिन व्यक्ति का

विचार के रूप में

अस्तित्व

समाप्त हो जाता है

जीवित

रह जाती है

देह

व्यक्ति मर जाता है ।

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