व्यक्ति या विचार
ये जो
मानव का जन्म है
ये
मानव द्वारा
पृथ्वी पर देखा गया
सबसे सुन्दर स्वप्न है
जब
जन्म देते हैं
पुरूष और स्त्री
शिशु को
वे केवल
एक दूसरे को
भोगते नहीं हैं
ना ही वासना को
बल्कि
बुनते हैं
एक विचार
वीर्य और रक्त से
यही विचार
निराकार
अपनी
सार्थक परिणति के लिए
देह के रूप में
पाता है आकार
जब तक है
विचार
तब तक है
व्यक्ति
जिस दिन व्यक्ति का
विचार के रूप में
अस्तित्व
समाप्त हो जाता है
जीवित
रह जाती है
देह
व्यक्ति मर जाता है ।
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